----सौ करोड़ से ज़्यादा में बिका गोलकुंडा का हीरा----
आर्चड्यूक जोसफ़ नाम का 76 कैरट का ये हीरा दुनिया के सबसे ख़ूबसूरत हीरों में से एक है. इसे एक 'पर्फेक्ट डायमंड' या पूरी तरह दोषरहित हीरा माना जाता है.
जेनेवा के क्रिस्टीज़ नीलामीघर ने इस हीरे को एक बेनाम ख़रीदार को बेचा है.
जिस कीमत पर आर्चड्यूक जोसफ़ अब बिका है वो इसके एक करोड़ पांच लाख डॉलर की अनुमानित कीमत से कहीं ज़्यादा है. इससे पहले वर्ष 1993 में ये हीरा 65 लाख डॉलर में बिका था.
क्रिस्टीज़ के अंतरराष्ट्रीय जवाहरात विभाग के निदेशक, फ़्रांसुआ कुरियल ने पत्रकारों को बताया, "गोलकुंडा खान से निकलने वाले किसी भी हीरे की ये विश्व रिकॉर्ड कीमत है. साथ ही ये बिना रंग के हीरे की प्रति कैरट कीमत का भी विश्व रिकॉर्ड है."
-----इतिहास-------
इस हीरे का इतिहास भी है.
ये उसी प्राचीन गोलकुंडा खान से निकला है जिससे मशहूर कोहीनूर और ब्लू होप हीरा निकला है. इसका नाम ऑस्ट्रिया के आर्चड्यूक जोसफ़ ऑगस्ट के नाम पर रखा गया है जो हंगरी की हैप्सबर्ग राजघराने के एक राजकुमार थे. कहा जाता है कि जोसफ़ ऑगस्ट ने इस हीरे को 1933 में एक बैंक में रखा था.
क्रिस्टीज़ के मुताबिक, "तीन साल बाद इस हीरे को एक यूरोपीय बैंकर को बेच दिया गया और इसे फ्रांस में एक सेफ़ डिपोज़िट बॉक्स में रखा गया था. अच्छी बात ये है कि दूसरे विश्व युद्ध के दौरान ये ऐसे ही लोगों की नज़रों से छिपा रहा."
दशकों बाद आर्चड्यूक जोसफ़ हीरा पहले वर्ष 1961 में एक नीलामी में और फिर नवंबर 1993 में क्रिस्टीज़ की एक नीलामी में सामने आया.
आर्चड्यूक जोसफ़ नाम का 76 कैरट का ये हीरा दुनिया के सबसे ख़ूबसूरत हीरों में से एक है. इसे एक 'पर्फेक्ट डायमंड' या पूरी तरह दोषरहित हीरा माना जाता है.
जेनेवा के क्रिस्टीज़ नीलामीघर ने इस हीरे को एक बेनाम ख़रीदार को बेचा है.
जिस कीमत पर आर्चड्यूक जोसफ़ अब बिका है वो इसके एक करोड़ पांच लाख डॉलर की अनुमानित कीमत से कहीं ज़्यादा है. इससे पहले वर्ष 1993 में ये हीरा 65 लाख डॉलर में बिका था.
क्रिस्टीज़ के अंतरराष्ट्रीय जवाहरात विभाग के निदेशक, फ़्रांसुआ कुरियल ने पत्रकारों को बताया, "गोलकुंडा खान से निकलने वाले किसी भी हीरे की ये विश्व रिकॉर्ड कीमत है. साथ ही ये बिना रंग के हीरे की प्रति कैरट कीमत का भी विश्व रिकॉर्ड है."
-----इतिहास-------
इस हीरे का इतिहास भी है.
ये उसी प्राचीन गोलकुंडा खान से निकला है जिससे मशहूर कोहीनूर और ब्लू होप हीरा निकला है. इसका नाम ऑस्ट्रिया के आर्चड्यूक जोसफ़ ऑगस्ट के नाम पर रखा गया है जो हंगरी की हैप्सबर्ग राजघराने के एक राजकुमार थे. कहा जाता है कि जोसफ़ ऑगस्ट ने इस हीरे को 1933 में एक बैंक में रखा था.
क्रिस्टीज़ के मुताबिक, "तीन साल बाद इस हीरे को एक यूरोपीय बैंकर को बेच दिया गया और इसे फ्रांस में एक सेफ़ डिपोज़िट बॉक्स में रखा गया था. अच्छी बात ये है कि दूसरे विश्व युद्ध के दौरान ये ऐसे ही लोगों की नज़रों से छिपा रहा."
दशकों बाद आर्चड्यूक जोसफ़ हीरा पहले वर्ष 1961 में एक नीलामी में और फिर नवंबर 1993 में क्रिस्टीज़ की एक नीलामी में सामने आया.
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